
सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 का पालन न करना पड़ा भारी। कृषि भूमि की दो अलग-अलग फाइलों में गैर कानूनी तरीके से फौती नामांतरण कर दिया था
द ग्वालियर। राज्य सूचना आयोग ने ग्वालियर के तीन तहसीलदारों पर 1,33,000 का जुर्माना ठोका है। दरअसल, ग्वालियर के घाटीगांव में लीगल जानकारी के बिना ग्राम पार व ग्राम सिमरिया टाका तहसील घाटीगांव जिला ग्वालियर मध्य प्रदेश की कृषि भूमि की दो अलग-अलग फाइलों में गैर कानूनी तरीके से फौती नामांतरण कर दिया था, जिसकी जानकारी सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत लखपत सिंह किरार ने दिनांक 12.10.2018 को दो अलग-अलग आवेदन तहसील घाटीगांव जिला ग्वालियर में प्रस्तुत कर मांगी थी, जो समय सीमा में नहीं दी गई थी इसलिए प्रथम अपील दिनांक 12 .11. 2018 को अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय घाटीगांव जिला ग्वालियर के यहां प्रस्तुत की थी। उसके बाद भी समय सीमा में जानकारी नहीं मिली थी, इसलिए द्वितीय अपील मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग भोपाल में प्रस्तुत की थी।
मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग ने दोनों आवेदनों की अपील क्रमांक ए 3396 /2019 व ए 3397/ 2019 पर दर्ज कर सुनवाई प्रारंभ की। इस कार्यवाही के दौरान तहसील घाटीगांव में तीन तहसीलदार दीपक शुक्ला, नवनीत शर्मा एवं सीताराम वर्मा पदस्थ रहे थे।मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग ने सूचना समय पर नहीं देने के लिए तीनों तहसीलदारों को पूर्ण रूप से दोषी पाते हुए दीपक भार्गव पर दोनों प्रकरणों में 25000 -25000 रुपए कुल 50,000 रुपए, नवनीत शर्मा पर 16500-16500 रुपए कुल 33000 रुपए एवं सीताराम वर्मा पर 25000-25000 रुपए कुल 50000 रुपए कुल 1,33,000 रुपए सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 20(1) के तहत जुर्माना राज्य सूचना आयुक्त डीपी अहिरवार ने दिनांक 02.12.2020 को किया।
वर्तमान में दीपक शुक्ला भिंड में पदस्थ हैं, इसलिए भिंड कलेक्टर को तहसीलदार दीपक शुक्ला की जुर्माना की राशि 50000 रुपए वसूल कर एक माह के अंदर आयोग के कार्यालय में नगद डिमांड ड्राफ्ट एवं चालान द्वारा जमा करा कर आयोग को अवगत कराने के निर्देश दिए हैं। इसी तरह नवनीत शर्मा वर्तमान में तहसील डबरा जिला ग्वालियर में पदस्थ हैं, इसलिए ग्वालियर कलेक्टर को नवनीत शर्मा से जुर्माने की 33000 रुपए राशि वसूल कर एक माह में आयोग में जमा कराने के निर्देश ग्वालियर कलेक्टर को दिए हैं। सीताराम वर्मा को जमा कराने के निर्देश आयोग पूर्व में ही दे चुका है।