
मुरैना जिले के बागचीनी थाने में पदस्थ सभी पुलिस कर्मियों पर भी गिरी गाज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंज चौहान ने उच्च-स्तरीय बैठक ली
द ग्वालियर। मुरैना में सोमवार से शुरू हुआ जहरीली शराब का तांडव अब तक नहीं थम पाया है। जहरीली शराब पीने से अब तक 21 लोगों की मौत हो चुकी है। इस घटना से पूरे प्रदेश में हडकंप मच गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले में फौरन एक्शन लेते हुए जिले के कलेक्टर अनुराग वर्मा और एसपी अनुराग सुजानिया को हटा दिया है। नए कलेक्टर के रूप में वक्की कार्तिकेयन और एसपी की जिम्मेदारी सुनील पांडे को सौंपी हैं। वहीं मुरैना के बागचीनी थाने में अंर्तगत जिस बीट में जहरीली शराब का निर्माण हो रहा था उस बीट के सभी पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है।
भोपाल में इस मामले को बुलाई गई उच्चस्तरिय बैठक में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मुरैना की घटना अमानवीय और तकलीफ पहुँचाने वाली है। प्रदेश में मिलावट के विरुद्ध अभियान संचालित है, फिर भी यह दु:खद घटना हुई। मुरैना के कलेक्टर और एस.पी. को हटाने के साथ ही संबंधित क्षेत्र के एसडीओपी को निलंबित करने के निर्देश दिए गए हैं। आबकारी अधिकारी को पूर्व में ही निलम्बित किया जा चुका है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो। अन्य जिले भी सजग रहें। ऐसे मामलों में कलेक्टर, एस.पी. जिम्मेदार माने जाएंगे। दोषी अधिकारियों के विरुद्ध एक्शन भी लिया जाएगा।
जारी रहे अभियान
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ऐसी घटना पर मैं मूकदर्शक नहीं रह सकता। ड्रग माफिया के विरुद्ध सख्त अभियान जारी रहे। पूरे प्रदेश में अवैध शराब के खिलाफ अभियान चले। अवैध शराब बिक्री पर पूरा नियंत्रण हो। ऐसा व्यापार करने वालों को ध्वस्त किया जाए।
घटना की ली पूरी जानकारी, डिस्टलरी की जाँच के निर्देश
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पुलिस महानिदेशक से घटना की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। मुरैना जिले में हुई घटना में उपयोग में लाई गई मिलावटी शराब के निर्माण केन्द्र और दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध कार्यवाही के साथ ही संबंधित डिस्टलरी की जाँच के निर्देश भी दिए गए। मुख्यमंत्री ने आबकारी और पुलिस अमले की पद-स्थापना में निश्चित समयावधि के बाद परिवर्तन के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि डिस्टलरी के लिए पदस्थ आबकारी अमले और ओआईसी को ओवर टाइम दिए जाने की व्यवस्था में भी परिवर्तन किया जाए।