
14 नवंबर 2020 से आगामी 3 माह के लिए लागू होगी यह छूट। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उच्चस्तरीय बैठक में लिया निर्णय।
द ग्वालियर। अब मध्य प्रदेश की कृषि उपज मंडियों में व्यापारियों से 1.50 रुपए के स्थान पर 50 पैसे प्रति 100 रुपए मंडी शुल्क लिया जाएगा। व्यापारियों के लिए यह छूट सिर्फ 14 नवंबर से आगामी तीन माह के लिए रहेगी। तीन महीने बाद इस छूट के परिणामों का अध्ययन कर आगे के लिए निर्णय लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार को विभाग की उच्च स्तरीय बैठक ली। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव अजीत केसरी, प्रमुख सचिव मनोज गोविल तथा संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
आगे भी लागू रह सकती है छूट
मंडी शुल्क में छूट की अवधि में यदि मंडियों को प्राप्त आय से मंडियों के संचालन, उनके रखरखाव एवं कर्मचारियों के वेतन भत्तों की व्यवस्था सुनिश्चित करने में कठिनाई नहीं होती है, तो राज्य शासन द्वारा इस छूट को आगे भी जारी रखा जा सकता है।
गत वर्ष मंडियों को हुई थी 12 सौ करोड़ रुपए की आय
वर्ष 2019-20 में प्रदेश की कृषि उपज मंडी समितियों को मंडी फीस एवं अन्य स्रोतों से कुल 12 सौ करोड़ रुपए की आय हुई थी। मंडी बोर्ड में लगभग 4200 तथा मंडी समिति सेवा में लगभग 29 सौ अधिकारी-कर्मचारी कार्यरत हैं। लगभग 2970 सेवानिवृत्त अधिकारी-कर्मचारी हैं। इनके वेतन भत्तों पर गत वर्ष 677 करोड़ रुपए का व्यय हुआ था।