
ग्वालियर जिला अस्पताल में कोविड-19 के उपचार के लिए आए उपकरण स्थापित न होने एवं आईसीयू का निर्माण न होने को लेकर प्रस्तुत याचिका पर जबलपुर में हो रही है सुनवाई।
द ग्वालियर। कोविड-19 को लेकर जनता भले ही चिंतित हो, लेकिन इसे लेकर अधिकारी कितने जागरूक हैं इसका उदाहरण है मुरार का जिला अस्पताल। यहां आईसीयू के लिए मिले उपकरणों को जब धूल खाने डाल दिया गया तो यह मामला हाईकोर्ट पहुंच गया। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता से इसमें सुधार के लिए सुझाव मांगे है।
दरअसल, इस मामले की सुनवाई मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की जबलपुर खंडपीठ में की जा रही है। कोविड-19 से संबंधित सभी मामलों को सुनवाई के लिए जबलपुर भेजा जा रहा है। न्यायालय ने प्रकरण की सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता डॉ. राखी शर्मा के अधिवक्ता राजू शर्मा से कहां की है कोविड-19 के लिए बने एवं बनाने वाले अस्पतालों में सुधार के लिए क्या किया जा सकता है। इस संबंध में अपने सुझाव प्रस्तुत करें। इस मामले की सुनवाई अब इसी माह के तीसरे सप्ताह में होगी।
यह याचिका कोविड-19 के मरीजों के उपचार के लिए जिला अस्पताल मुरार में राज्य शासन द्वारा आईसीयू खोले जाने के लिए दिए गए उपकरणों को अब तक स्थापित नहीं करना तथा आईसीयू की स्थापना नहीं किए जाने पर इस संबंध में दिशा-निर्देश दिए जाने को लेकर प्रस्तुत की गई है। याचिकाकर्ता का कहना था कि कोविड-19 संक्रमण अभी थम नहीं रहा है। मुरार जिला अस्पताल में आईसीयू ना होने से मरीजों को प्राइवेट अस्पताल में जाना पड़ रहा है इस कारण उन पर काफी आर्थिक बोझ पढ़ रहा है।