
ऑल इंडिया डीएसओ ग्वालियर इकाई द्वारा फूलबाग चौराहे पर किया गया प्रदर्शन। NEP-2020 (राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020) को वापस लेने की मांग
द ग्वालियर। छात्र संगठन ऑल इंडिया डीएसओ द्वारा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विरोध में सोमवार को अखिल भारतीय विरोध दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर पूरे देश में स्कूल-कॉलेजों व गांव शहर के मुख्य स्थानों पर छात्र समुदाय व शिक्षा प्रेमी जनता द्वारा विभिन्न रूपों में NEP-2020 (राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020) के खिलाफ प्रदर्शन कर वापस लेने की मांग की गई। इस अवसर पर छात्र संगठन ऑल इंडिया डीएसओ की ग्वालियर इकाई द्वारा फूलबाग चौराहे पर विरोध प्रदर्शन किया गया।
प्रदर्शन को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष मिताली शुक्ला ने कहा कि NEP-2020 जो पूरी तरह अलोकतांत्रिक रास्ते से आम छात्रों पर थोपी गई है, जो वास्तव में आम छात्रों की शिक्षा पर एक बड़ा हमला है। यह नीति शिक्षा के प्रति सरकार की जिम्मेदारी को दरकिनार करते हुए शिक्षा को पूरी तरह व्यापार में तब्दील करने की साजिश है। यह नीति सार्वजनिक शिक्षा को ध्वस्त कर शिक्षा के निजीकरण का रास्ता पूरी तरह खोलती है। जहां एक तरफ हमारे देश के महापुरुषों ने शिक्षा का उद्देश्य उन्नत व नीति-नैतिकता-मूल्यबोध से परिपूर्ण तर्कशील मानव का निर्माण करना बताया है। वहीं यह नीति रोजगारोन्मुखीकरण शिक्षा के नाम पर छात्रों को केवल मानव रूपी मशीन में तब्दील कर देगी। देश में जहां किसान-मजदूर, आम परिवारों की आर्थिक स्थिति पहले से कमजोर है, वहां ऑनलाइन शिक्षा जैसी अव्यवहारिक नीति छात्रों पर और अधिक असहनीय आर्थिक बोझ बढ़ाएगी। साथ ही यह छात्र-शिक्षक के परस्पर रचनात्मक संबंधों को भी नष्ट कर देगी।
छात्रों को संबोधित करते हुए ऑल इंडिया डीएसओ की जिला कार्यालय सचिव दीपक बरैया ने कहा कि- NEP-2020 शिक्षा के केंद्रीयकरण, सांप्रदायिककरण को बढ़ावा देने के साथ-साथ शिक्षा के वैज्ञानिक स्वरूप को भी नष्ट करेगी क्योंकि यह बेतरतीब ढंग से विषयों के चयन में छात्रों को भटकाने की वकालत करती है। शिक्षा में विनाशकारी परिणामों से भरी नीति NEP-2020 को अविलंब वापस लेने की हम मांग करते हैं। छात्रों को सचिव मंडल सदस्य डिंपल जगबानी व समरिन द्वारा भी संबोधित किया गया व संचालन जिला उपाध्यक्ष आस्था सोनी के द्वारा किया गया।