
मंगलवार को जिला न्यायालय अभिभाषक संघ कार्यालय पर तले ताले पर अध्यक्ष गुट के पदाधिकारियों ने लगाया अपना ताला। सचिव पवन पाठक की नेम प्लेट तोड़ने का भी आरोप।
द ग्वालियर। उच्च न्यायालय अभिभाषक संघ (High Court Bar Council Gwalior) ग्वालियर के सचिव को लेकर पिछले तीन महीने से चल रहा विवाद थम नहीं रहा है। अध्यक्ष और सचिव के दो गुट में बंट चुका अभिभाषक संघ का विवाद गहराता जा रहा है। जिला न्यायालय परिसर (District Court Gwalior) में आज मंगलवार को अध्यक्ष गुट ने अभिभाषक संघ कार्यालय पर पहले से लगे ताले पर अपना ताला लगा, जिसके बाद दोनों गुटों में मुंहबाद हो गया। इसी बीच एक गुट के अधिवक्ता/पदाधिकारियों ने सचिव गुट के एक अधिवक्ता के साथ भी मारपीट कर दी। घायल का मेडिकल कराने के बाद पुलिस मुकदमा दर्ज करने की तैयारी कर रही है।
पिछले शुक्रवार 27 नवंबर 2020 को साधारण सभा की बैठक में अधिवक्ता पवन पाठक को सचिव पद से हटाने के प्रस्ताव को खारिज कर फिर से पद पर बहाल करने का निर्णय लिया गया था, जिसके बाद से सचिव पवन पाठक ने वकीलों को सहायता राशि बांटने का कार्य प्रारंभ किया था। सोमवार को अभिभाषक संघ के अध्यक्ष विनोद भारद्वाज ने प्रेस कांफ्रेंस कर पवन पाठक को अभिभाषक संघ का सचिव होने से इंकार कर दिया। अध्यक्ष का आरोप था कि जब जिला जज ने साधारण सभा करने की अनुमति ही नहीं दी तो बैठक कैसे और कब हो गई। उन्होंने पवन पाठक का संघ का सचिव होने से इंकार कर दिया।
सूत्रों की मानें तो आज मंगलवार को बाकी बचे वकीलों को आर्थिक सहायत बांटने के लिए राशि निकालने को जब सचिव पवन पाठक ने अध्यक्ष विनोद भारद्वाज के पास चेक साइन करने के लिए भेजा तो उन्होंने हस्ताक्षर करने से मना कर दिया। वहीं, कार्यकारी सचिव विजेंद्र सिंह ने आकर पवन पाठक को सचिव मानने से इंकार कर दिया, जिसके बाद विवाद गहरा गया। वहीं, मंगलवार को वकीलों को आर्थिक सहायता बांटने का कार्य नहीं हो पाया।
इसी दौरान अध्यक्ष गुट के पदाधिकारियों ने आकर अभिभाषक संघ कार्यालय पर आकर पहले से लगे ताले पर अपना ताला लगा दिया। आरोप है कि उन्होंने सचिव पवन पाठक की नेम प्लेट भी तोड़ दी। इसका सचिव पवन पाठक गुट के पदाधिकारी एवं अधिवक्ताओं ने विरोध किया। इसके बाद दोपहर तक दोनों गुटों में जमकर मुंहबाद होता रहा। दोपहर बाद अध्यक्ष गुट के पदाधिकारी एवं अधिवक्ताओं ने सचिव गुट के डब्बू मुदगल के साथ मारपीट कर दी। डब्बू मुदगल को चोटें आई हैं, जिसके बाद इंदरगंज थाना पुलिस मेडिकल कराकर मुकदमा दर्ज करने की तैयारी कर रही है।
यह है विवाद का कारण
ग्वालियर उच्च न्यायालय अभिभाषक संघ के पदाधिकारियों के बीच आंतरिक विवाद बार के बैनर तले वकीलों द्वारा कोर्ट को प्रतिदिन खोलने की मांग के बाद से शुरू हुआ था। इसमें सचिव पवन पाठक भी शामिल हुए थे। इस पर बार एसोसिएशन के कुछ पदाधिकारियों ने 4 सितंबर को एक बैठक बुलाकर सचिव पवन पाठक के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित कर पद से हटाने का एलान कर दिया था। अधिवक्ता पवन पाठक ने अपने खिलाफ पारिस अविश्वास प्रस्ताव को उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर में चुनौती दी। हालांकि न्यायालय ने मामले में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया था। साथ ही न्यायालय ने सलाह दी थी कि बार के वरिष्ठजनों को इस विवाद के निराकरण के लिए आगे आना चाहिए। शुक्रवार 27 नवंबर 2020 को जिला न्यायालय में साधारण सभा में सचिव व अन्य पदाधिकारियों को हटाने के निर्णय के खिलाफ प्रस्ताव पेशकर पुन: बहाल करने का निर्णय लिया गया। सोमवार को अभिभाषक संघ के अध्यक्ष विनोद भारद्वाज ने प्रेस कांफ्रेंस कर पवन पाठक को संघ का सचिव होने से इंकार कर दिया, जिसके बाद बार एसोसिएशन के दोनो पक्षों में पुन: एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।